दलित कर्मचारी का उत्पीड़न डीडी को पडा भारी
पीडि़ता ने सीएम आवास के सामने परिवार सहित दी थी आत्मदाह की चेतावनी
ललितपुर। उप कृषि निदेशक पर एक महिला कर्मचारी को अकेले में घर बुलाने न जाने पर उसका स्थानांतरण करते हुए मानसिक एवं शारीरिक उत्पीडऩ करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। पीडि़त महिला कर्मचारी एफआईआर दर्ज कराने के लिए कई दिनों से अधिकारियों के चक्कर काट रही थी। जब महिला कर्मचारी ने मुख्यमंत्री आवास पर परिवार सहित आत्मदाह करने की धमकी दी गई थी। तब जाकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है। उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी कार्यालय में प्राविधिक सहाय ग्रुप-सी के पद पर तैनात महिला कर्मचारी ने रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि वह महरौनी कार्यालय में तैनात थी। 15 जून 22 को उसे उप कृषि निदेशक ललितपुर के कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया। जहां पर वह कई संचालित विभागीय योजनाओं को देखती रही। उप कृषि निदेशक बसन्त कुमार दुबे दारा एक दिन उसे अपने चैम्बर में बुलाया गया। उसके साथ अश्लील हरकतें करने लगे एवं उसे कहा कि आप शाम को मेरे राजकीय आवास पर आना, आपसे वहीं पर विस्तर में बात करेगें। जब उसने उप कृषि निदेशक से कहा कि आप यही पर बात बताए। वह आपके आवास पर नहीं आएगी। जिस पर उप कृषि निदेशक द्वारा उसे धमकी दी। इसके बाद वह चैम्बर से बाहर निकल आई। जिसके बाद अधिकारी ने उसका आदेश प्रधानमंत्री किसान किसान सम्मान निधि योजना में हेल्प डेस्क के कार्य हेतु कर दिया गया। जब वह उप कृषि निदेशक के चैम्बर में पूछने के लिए पहुंची। कहा कि वह आपकी इन हरकतों के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दूंगी, तो उप कृषि निदेशक द्वारा उसके साथ जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित किया। कहा जाओ जहां जाना है। अब हम तुम्हें नौकरी करना सिखा देगें। जब उसने इसकी जानकारी अपने कार्यालयाध्यक्ष सोनू मंगल उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी को दी। जिस पर कार्यालयाध्यक्ष ने द्वारा बोला गया कि नौकरी में ये सब चलता रहता है। उप कृषि निदेशक सर बड़े अधिकारी है। उप कृषि निदेशक द्वारा 30 दिसम्बर 23 को उसका स्थानान्तरण उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी तालबेहट के अधीन कर दिया गया। न्याय पंचायत बार आवंटित कर दी गयी। जबकि दिसम्बर माह में स्थानान्तरण का कोई समय नहीं होता है। 2 दिसम्बर 24 को उसने बताया कि बड़े भाई का एक्सीडेंट होने के कारण आकस्मिक मृत्यु हो गई और उसके पिता की भी सदमे से मृत्यु हो हो गई और उसके पिता की भी सदमे से मृत्यु हो गई। मां एवं छोटे भाई बहन पूर्ण रूप से उसके ऊपर ही आश्रित है। उसके साथ ही निवास करते है। यही पढ़ते लिखते है, फिर भी एक भी बात नही सुनी और अपमानित करके उसे अपने चैम्बर से बाहर निकाल दिया। बार से ड्यूटी से लौटते समय उसके 5 मार्च 24 को एक्सीडेंट हो गया। जिससे उसका हाथ टूट गया। उसने झांसी में इलाज कराया। 6 जून से 31 जुलाई 24 तक इलाज किया गया। चिकित्सकों ने उसे बताया कि 6-7 माह तक फील्ड वर्क नहीं कर पाएगी। न ही वाहन का प्रयोग कर पाएगी। उप कृषि निदेशक द्वारा ललितपुर का आवास खाली करने का आदेश दे दिया। आवास खाली नहीं करने पर उसका वेतन रोक दिया गया। पुलिस ने पीडि़ता की शिकायत पर उप कृषि निदेशक बसंत कुमार दुबे के खिलाफ बीएनएस की धारा 75, 352, 351 (2) व एस.सी.एस.टी. एक्ट की धारा 3 (1)(द), 3 (1)(घ), 3 (2)(व्ही.ए.), 3 (1)(डब्ल्यु)(आई) के तहत एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी।