Wednesday, January 15, 2025

मनरेगाः- ग्राम पंचायत चीराकोड़र में शहजाद नदी के जीर्णोद्वार के नाम पर हुआ लाखों का घोटाला

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ग्राम प्रधान व आउट सोर्सिंग तकनीकी सहायक मनरेगा में कर रहे है फर्जीबाड़ा

ग्राम प्रधान के पुत्र के दिशा-निर्देशन में हो रहा है घोटाला 

ललितपुर। विकासखण्ड़ बिरधा की ग्राम पंचायत चीरा कोड़र में ग्राम प्रधान के पुत्र, तकनीकी सहायक व पंचायत सचिव द्वारा मिलकर मनरेगा में भारी धांधली की जा रही है। सबसे बड़ा घोटाला शहजाद नदी के जीर्णोद्वार के नाम पर चल रहा है। ग्रामीणों के अनुसार मशीनों से काम कराकर मजदूरों के नाम पर लाखों रूपये निकाल लिये गये। इसी प्रकार वृक्षारोपण में भी धांधली की गयी है। वहीं कूप सफाई एवं बंधी निर्माण, भूमि सुधार के कार्यो में भी फर्जीबाड़ा हुआ है। 

ग्राम पंचायत चीरा कोड़र विकासखण्ड़ की उन बड़ी ग्राम पंचायतों में सुमार है। जहां हर वर्ष मनरेगा में लाखों रूपये व्यय हो रहे है। वित्तीय वर्ष 23-24 में श्रमांश पर 30 लाख रूपये की धनराशि व्यय हुई। वहीं सामग्री पर 9 लाख रूपये की धनराशि व्यय की गयी है। वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में श्रमांश पर 27 लाख रूपये की धनराशि व्यय हो चुकी है। परन्तु इस धनराशि से जो काम कराये गये है, उसमें ग्राम प्रधान व आउट सोर्सिंग में तैनात तकनीकी सहायक ने मिलकर बड़ा घोटाला किया है। कागजों में कार्य कराकर उनका भुगतान करा लिया गया। धरातल पर आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। 

ग्राम पंचायत चीरा कोड़र में मनरेगा के अन्तर्गत 2024-25 मंे कराये गये कार्य शहजाद नदी के किनारे वन क्षेत्र की सीमा में वृक्षारोपण का कार्य, वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई अमृत सरोवर के किनारे वृक्षारोपण का कार्य, शहजाद नदी के किनारे लखन के खेत से रामदास के खेत तक वृक्षारोपण का कार्य, महेश पुत्र रतन के खेत पर कूप सफाई एवं गहरीकरण, अनंतराम पुत्र आलम के खेत पर कूप सफाई एवं गहरीकरण, फूलन पत्नी चतुरा के खेत पर कूप सफाई एवं गहरीकरण, लाल सिंह पुत्र बालचन्द्र के खेत पर भूमि सुधार एवं बंधी निर्माण, जानकी के खेत पर भूमि सुधार एवं बंधी निर्माण, जुगल पुत्र गोरलाल पाल के खेत पर भूमि सुधार एवं बंधी निर्माण, नत्थू पुत्र चतुरे के खेत पर भूमि सुधार एवं बुधी निर्माण, हल्की बहु पत्नी बालचन्द्र के खेत पर भूमि सुधार एवं बंधी निर्माण, लखन के खेत से सिरनाम पाल के खेत तक शहजाद नदी का जीर्णोद्वार भाग 2 (व्यय धनराशि 9 लाख 6 हजार रूपये), गनेश के खेत से रामदास के खेत तक शहजाद नदी का जीर्णोद्वार भाग 3 (व्यय धनराशि 8 लाख 88 हजार रूपये), आदि कार्य कराये गये है। जिसमें ग्राम प्रधान के पुत्र व आउट सोर्सिंग पर तैनात तकनीकी सहायक द्वारा घोटाला किया गया है। उक्त परियोजनाओं में कई कार्य मशीनों से कराकर उनके फर्जी एमबी आउट सोर्सिंग तकनीकी सहायक द्वारा की गयी और उनका भुगतान निकाल लिया गया। ग्राम पंचायत चीरा कोड़र में शहजाद नदी के जीर्णोद्वार के नाम पर विगत 2 वर्षो से बड़े पैमाने पर फर्जीबाड़ा चल रहा है। जिसकी जांच आवश्यक है। 

मनरेगा के मास्टरमाइंड साहब सिंह पर पूर्व में भी हो चुकी है एफआईआर

ग्राम पंचायत चीरा कोड़र में मनरेगा का जो घोटाला चल रहा है उसका मास्टरमाइंड घोटालेाबाज साहब सिंह है। यह कई वर्षो से मनरेगा में घोटाला कर रहा है। पूर्व में घोटालेबाज साहब सिंह ने अपने स्वयं के नाम पर व अपनी पत्नी के नाम पर 2-2 जॉब कार्ड जारी कर लिये थे और इसमें मजदूरी का लाखों रूपये कई वर्षो तक भेजता रहा। जबकि यह ग्राम पंचायत चीरा कोड़र में मेट के पद पर तैनात था। लेकिन इसके बाद भी नियम विरूद्ध जाकर इसके द्वारा जॉब कार्ड बनाये गये। वर्ष 2020 में जब यह मामला उजागर हुआ था जिलाधिकारी के निर्देश पर खण्ड़ विकास अधिकारी ने घोटालेबाज साहब सिंह, तत्कालीन ग्राम प्रधान सहित कई ग्राम पंचायत अधिकारियों के विरूद्ध धारा 467, 468, 470, 409, 420  के तहत पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था। जानकारी के अनुसार जॉब कार्ड संख्या 400040270003/140 व जॉब कार्ड संख्या 400040270003/835 साहब सिंह के नाम पर एवं जॉब कार्ड संख्या 400040270003/150 व जॉब कार्ड संख्या 400040270003/336 साहब सिंह के पत्नी के नाम पर जारी हुए थे। जिसमें मजदूरी का लाखों रूपये भेजा जाता था। अब यह मनरेगा का घोटालेबाज स्वयं ग्राम पंचायत चला रहा है। क्योंकि इसकी मां प्रधान है।

पूर्व प्रधान दसई की निरक्षरता का लाभ उठाकर करता था घोटाला 

ग्राम चीराकोड़र में मनरेगा घोटालेबाज मास्टरमाइंड साहब सिंह पूर्व में ग्राम प्रधान रहे दसई की निरक्षरता का लाभ का उठाया था। दसई की ग्राम प्रधानी के सारे कार्य साहब सिंह द्वारा संचालित किये जाते थे। दसई की साक्षरता मात्र हस्ताक्षर करने की थी। जिसका लाभ यह उठाता था। परन्तु जब तत्कालीन जिलाधिकारी अन्नावि दिनेश कुमार के सामने आया था तो इसके विरूद्ध एफआईआर के साथ-साथ अन्य कार्यवाही भी की गयी थी। अब कि परिस्थिति में इस बात से इंकार नही किया जा सकता कि वर्तमान ग्राम प्रधान के समय भी यह मास्टरमाइंड मनरेगा में घोटाला नही कर रहा होगा। साथ ही अब इस घोटालेबाज को आउट सोर्सिंग में तैनात तकनीकी सहायक का भी साथ मिलकर रहा है।

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