आवंटित बजट से अधिक भुगतान को लेकर बीडीओ व एपीओ की कार्यप्रणाली पर लगे प्रश्न चिन्ह
सीडीओ ने पूर्व में ही पत्र जारी कर अवशेष देयता के सापेक्ष 36.82 प्रतिशत भुगतान के दिये थे निर्देश
जनपद के लिए आवंटित हुआ था 21 करोड़ 31 लाख रूपये का बजट, निर्माण सामग्री को होना था भुगतान
ललितपुर। मनरेगा में 30 अगस्त को हुए निर्माण सामग्री के भुगतान में विकासखण्ड़ जखौरा में खण्ड़ विकास अधिकारी ने निर्धारित मानक से अधिक भुगतान कर दिया। जबकि पूर्व में मुख्य विकास अधिकारी ने समस्त खण्ड़ विकास अधिकारियों को पत्र जारी कर लम्बित भुगतान के सापेक्ष आवंटित की जा रही धनराशि का ही भुगतान करने के निर्देश जारी किये थे। परन्तु विकासखण्ड़ जखौरा के बीडीओ व एपीओ ने नियमों को ताक पर रखकर काम किया है।
जनपद ललितपुर में विगत कई माह से मनरेगा में सामग्री मद का भुगतान नही हुआ है। जिस कारण लगातार देयता बढ़ती जा रही है। समस्त जनपद में 30 अगस्त तक 57 करोड़ 87 लाख रूपये की देयता सामग्री की मद में अवशेष थी। यह भुगतान कई फर्मो को किया जाना था। जिसमें विकासखण्ड़ बार में 9 करोड़ 52 लाख रूपये, विकासखण्ड़ बिरधा में 9 करोड़ 60 लाख रूपये, विकासखण्ड़ जखौरा में 12 करोड़ 90 लाख रूपये, विकासखण्ड़ मड़ावरा में 10 करोड़ 7 लाख, विकासखण्ड़ महरौनी में 8 करोड़ 54 लाख रूपये और विकासखण्ड़ तालबेहट में 7 करोड़ 24 लाख रूपये का भुगतान होना अवशेष था। इस प्रकार जनपद के सभी विकासखण्ड़ो में 57 करोड़ 87 लाख रूपये का भुगतान निर्माण सामग्री पर किया जाना अवशेष था।
28 अगस्त 2024 को आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग में उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों के जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर अवगत कराया था कि शासन द्वारा सामग्री की मद में अवशेष धनराशि भुगतान के लिये उपलब्ध कराई जा रही है। यह भुगतान 3 तिथियों में होना था। जिसमें प्रत्येक जनपद का दिन व समय का स्लॉट निर्धारित था। ललितपुर जनपद के लिए 21 करोड़ 31 लाख रूपये की धनराशि उपलब्घ कराई गयी थी। जनपद मंे भुगतान के लिए 30 अगस्त को सुबह 9ः45 बजे का समय निर्धारित किया गया था।
आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग के पत्र के बाद मुख्य विकास अधिकारी ने समसस्त विकासखण्ड़ के खण्ड़ विकास अधिकारियों को पत्र भेजकर उपलब्ध धनराशि के सापेक्ष ही भुगतान करने के निर्देश दिये गये थे और प्रत्येक विकासखण्ड़ पर जो देनदारी अवशेष थी उसके सापेक्ष 36.82 प्रतिशत का भुगतान किया जाना था। जिसमें विकासखण्ड़ बार को 3 करोड़ 51 लाख रूपये का भुगतान करना था। बिरधा को 3 करोड़ 53 लाख रूपये लक्ष्य आवंटित हुआ था। वहीं जखौरा को 4 करोड़ 75 लाख रूपये, मड़ावरा को 3 करोड़ 71 लाख रूपये, महरौनी को 3 करोड़ 14 लाख रूपये व तालबेहट को 2 करोड़ 67 लाख रूपये के भुगतान करने के लिए धनराशि आवंटित की गयी थी। सामग्री के मद के भुगतान में एक काम, एक एफटीओ के भुगतान के निर्देश जारी हुए थे। उक्त आवंटित बजट के सापेक्ष जहां कई विकासखण्ड़ आवंटित बजट से अधिक भुगतान करने में सफल रहे। वहीं कई विकासखण्ड़ आवंटित लक्ष्य से अधिक भुगतान कर दिया। जिसमें विकासखण्ड़ जखौरा ने 5 करोड़ 77 लाख रूपये का भुगतान कर दिया। जिसको लेकर सबसे अधिक चर्चा है। विकासखण्ड़ जखौरा के खण्ड विकास अधिकारी ने आवंटित बजट के लक्ष्य से 1 करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान कर दिया। जिसको लेकर विकासखण्ड़ में काफी गहमा-गहमी रही। वहीं उच्चाधिकारी भी इस बात को लेकर काफी नाराज है। अब इस प्रकरण मे उच्चाधिकारी आगे क्या कार्यवाही करते है, यह बाद में पता चलेगा।
अपनी कार्यप्रणाली को लेकर बिरधा में भी चर्चा मे रहे बीडीओ रमेश यादव
विकासखण्ड़ जखौरा में खण्ड़ विकास अधिकारी के पद पर रमेश यादव तैनात है। इसके पूर्व यह विकासखण्ड़ बिरधा में थे। इस विकासखण्ड़ में अपनी कार्यप्रणाली को लेकर सदैव चर्चाओं में रहे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अन्य विभाग के किसी कर्मचारी को विकासखण्ड़ का कार्य संचालन करने की अनुमति दे दी गयी थी। जिसके बाद इनका स्थानांतरण सीधा जखौरा मे ंकर दिया गया था। विकासखण्ड़ जखौरा में निर्माण सामग्री का जो भुगतान हुआ है, उसमें भी कई फर्म संचालन बीडीओ से नाराज है। उनका कहना है कि बीडीओ द्वारा भुगतान में कुछ खास फर्मो को प्राथमिकता दी गयी है। जबकि कई फर्मो को दरकिनार किया गया। इस काम में इनका साथ विकासखण्ड़ में तैनात सहायक कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा द्वारा किया गया है।