उच्च न्यायालय इलाहाबाद में गिरफ्तारी पर रोक लगाने को दायर की याचिका
पुलिस ने फरार चल रहे रवि तिवारी सहित कई आरोपियों पर घोषित किया है 50 हजार का इनाम
ललितपुर। पुलिस द्वारा चिटफंड माफिया रवि तिवारी सहित अन्य लोगों पर जो कार्यवाही की गयी है। उससे यह चिटफंड माफिया दहशत में आ गये है। अब अपने बचाव के लिए वह न्यायालय की शरण ले रहे है। जनता की मेहनत की कमाई लूटने वाले चिटफंड माफिया रवि तिवारी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए उच्च न्यायालय की शरण ली है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद में एक याचिका दायर कर गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गयी है।
ललितपुर पुलिस द्वारा एलयूसीसी कंपनी के कर्ताधर्ता के विरूद्ध लगातार कार्यवाही की जा रही है। विभिन्न थाना क्षेत्रों में चिटफंड माफिया समीर अग्रवाल, रवि तिवारी, सुरेन्द्र पाल सिंह, राहुल तिवारी, आलोक जैन सहित दर्जनों लोगों के विरूद्ध कई मामले विभिन्न धाराओं में दर्ज हो चुके है। इसमें से आलोक जैन व राहुल तिवारी को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। परन्तु अभी भी कई आरोपियों की गिरफ्तारी होना शेष है।
पुलिस द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 50 हजार का इनाम भी घोषित किया जा चुका है। वहीं लगातार दविश भी दी जा रही है। इसी बीच लम्बे समय से फरार चल रहे एलयूसीसी के मुख्य कर्ताधर्ता में शामिल रवि तिवारी पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए उच्च न्यायालय इलाहाबाद की शरण ली है। आरोपी रवि तिवारी द्वारा थाना कोतवाली ललितपुर में दर्ज मु0अ0स0 647/2024 धारा 351 (3), 111, 352, 336(3), 318, 340(2) में गिरफ्तारी पर स्थगन आदेश लेने के लिए व दर्ज एफआईआर को रद्द कराने के लिए याचिका दायर की गयी है। अब उक्त याचिका पर सुनवाई होगी।
एलयूसीसी कंपनी के ठग राहुल तिवारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल
पुलिस अधीक्षक मो0 मुश्ताक की ताबड़तोड़ कार्यवाही के बाद थाना कोतवाली पुलिस, साइबर क्राइम थाना व स्वाट टीम द्वारा एलयूसीसी चिटफंड घेाटाले में वाँछित चल रहे अभियुक्त राहुल तिवारी पुत्र तिलकराम तिवारी निवासी मुहल्ला रामनगर लेखपाल कालौनी थाना हाल निवासी तिरूपति अभिनव होम्स अयोध्या वाईपास भोपाल को थाना कोतवाली परिसर से गिरफ्तार कर लिया गया। महाठग रवि तिवारी अभी भी फरार है। उसपर 50 हजार का इनाम घोषित है। तीन अभियुक्तों नीरज जैन , जगत सिंह आलोक जैन को गिरफ्तार किया जा चुका है। राहुल ने पूछताछ में बताया उसने अपने भाई के साथ मिलकर लोगो का करोड़ो रुपया जो हमे मिलता था उन रुपयो मे से कुछ रूपये हम लोग कम्पनी में जमा करते थे तथा बाकी का रूपया नई ज्वाइंट कम्पनी बनाकर अपने नाम व कई अन्य लोगो के नाम पर अलग -अलग जगह निवेश करते थे। जिससे उनका मुनाफा और ज्यादा हो सके। बताया कि उसने अपने भाई व गैंग के अन्य लोगो के साथ मिलकर नई कम्पनियां बनाकर अलग-अलग जगहो पर जमीने व प्रोपर्टी खरीदी है। ताकि उक्त लोग ऐशो आराम का जीवन जी सके।