Wednesday, January 15, 2025

कृषि विभाग- निदेशक के बाद अब अपर निदेशक ने मांगे हंसराज पर हुई कार्यवाही के अभिलेख

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अभिलेख उपलब्ध न कराने वाले अधिकारी व कर्मचारी का उत्तरदायित्व निर्धारित नही कर रहे कृषि विभाग के अधिकारी, शासन नाराज

शासन व निदेशालय के कई पत्र भेजने के बाद भी उप निदेशक कार्यालय ने उपलब्ध नही कराये हंसराज के अभिलेख

ललितपुर-कृषि विभाग के अधिकारी पूर्व में उप कृषि निदेशक के पद पर तैनात रहे हंसराज को बचाने के लिए लगातार प्रयासरत है। कृषि निदेशालय के बार-बार पत्र भेजने के बाद भी अभी तक तत्कालीन उप कृषि निदेशक हसंराज पर हुई कार्यवाही के न तो अभिलेख उपलब्ध कराये गये और न ही उस अधिकारी व कर्मचारी का उत्तरदायित्व तय किया गया, जिसके द्वारा जानबूझ कर उप कृषि निदेशक हंसराज के भ्रष्टाचार के अभिलेख गायब कर दिये। अब अपर कृषि निदेशक तिलहन एवं दलहन सुरेश कुमार सिंह ने संयुक्त कृषि निदेशक से उस अधिकारी व कर्मचारी का उत्तरदायित्व तय करने के निर्देश दिये है। जिसके द्वारा यह अभिलेख गायब किये गये है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 में कृषि विभाग में उप कृषि निदेशक पद पर हंसराज की तैनाती हुई थी। 2 वर्ष के कार्यकाल में उप कृषि निदेशक हंसराज द्वारा विभाग में संचालित योजनाओं में एनजीओ व एक पटल सहायक के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर करोड़ो रूपये का घोटाला किया गया था। उक्त प्रकरण की जांच दो जिलाधिकारी चन्द्रिका प्रसाद तिवारी व रणवीर प्रसाद ने कराई थी। तत्कालीन जिलाधिकारी चिन्द्रका प्रसाद तिवारी ने उप कृषि निदेशक पर विभागीय कार्यवाही के लिए शासन को पत्र लिखा था। शासन ने उप कृषि निदेशक हंसराज को निलंबित कर दिया था।
इसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी रणवीर प्रसाद ने विभाग में संचालित योजनाओं का स्पेशल ऑडिट कराया था। जिसमें बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई थी।
जांच के बाद तत्कालीन अपर परगना अधिकारी जीआर राठौर ने हंसराज, तत्कालीन पटल सहायक एवं एनजीओ के विरूद्ध थाना कोतवाली ललितपुर में धारा 467, 468, 471, 420, 406, 409, 427, 403 व 120बी के अन्तर्गत 17 नवम्बर 2012 को मुकदमा पंजीकृत कराया था। इसके बाद हंसराज ने कुछ समय तक ओर उप कृषि निदेशक के पद पर काम किया था। उस समय इसके विरूद्ध कार्यवाही के लिए शासन को कई पत्र लिखे गये थे। जिसके क्रम में कार्यवाही शासन में प्रचलित है। अपर कृषि निदेशक (बीज एवं प्रक्षेत्र)  सुरेन्द्र बहादुर सिंह को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
जांच अधिकारी द्वारा कई बार उप कृषि निदेशक कार्यालय ललितपुर, संयुक्त कृषि निदेशक झांसी मण्डल को पत्र लिखकर हंसराज को भी कार्यवाही के अभिलेख मांगे है। कई पत्र अधिकारियों को लिखे जा चुके है। परन्तु अब तक जांच अधिकारी को अभिलेख उपलब्ध नही कराये गये है। जिससे शासन के अधिकारी ललितपुर के कृषि विभाग के अधिकारियों से काफी नाराज है।
9 अक्टूबर 2023 को जहां कृषि निदेशक डा. राजशेखर ने पत्रांक संख्या ए0ए0- 274जी/ ए-9 को संयुक्त कृषि निदेशक झांसी मण्डल को पत्र लिखकर तत्काल अभिलेख उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये है। वहीं उस अधिकारी एवं कर्मचारी को उत्तरदायित्व निर्धारित करने के निर्देश भी दिये गये है। जिसके द्वारा अभिलेख उपलब्ध नही कराये जा रहे है। वहीं अब कृषि निदेशालय के अपर कृषि निदेशक तिलहन एवं दलहन सुरेश कुमार सिंह ने पत्रांक संख्या ए0ए0-1963/ ए-09 दिनांक 31 अक्टूबर 2023 को संयुक्त कृषि निदेशक झांसी मण्डल को फिर से पत्र लिखकर जांच अधिकारी को जांच से संबंधित अभिलेख उपलब्ध न कराये जाने के लिए उत्तरदायी अधिकारी व कर्मी की सूचना शीघ्र निदेशालय को भेजने के निर्देश दिये है। अपर कृषि निदेशक के इस पत्र से विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है। सबसे बड़ा राज है कि आखिर उप कृषि निदेशक हंसराज के विरूद्ध कार्यवाही के अभिलेख कहां गायब हो गये कि मिल नही रहे है या जानबूझ कर गायब कर दिये गये।

बाबू की भूमिका की जांच कराये जिला प्रशासन
तत्कालीन उप कृषि निदेशक हसंराज पर हुई कार्यवाही के अभिलेख कृषि विभाग के अलावा जिलाधिकारी कार्यालय से मांगे गये है। परन्तु अभिलेख नही मिले। जानकार बताते है कि हंसराज के कार्यकाल में तैनात रहा एक बाबू की गिनती उसके सबसे खास कर्मचारियों में होती थी। हंसराज के हर घोटाले में यह बाबू शामिल था। एफआईआर में भी पटल सहायक का उल्लेख किया गया था। हंसराज के निलंबन के बाद इस बाबू पर भी निलंबन की कार्यवाही हुई थी। जिससे लग रहा है कि इस बाबू के द्वारा ही अभिलेख गायब कर दिये गये हो। क्योंकि इसके पास स्थापना सहित तमाम पटलों का प्रभार रहा है। जबसे शासन ने हंसराज पर हुई कार्यवाही के अभिलेख मांगे है और अभिलेख उपलब्ध नही कराने के कारण वर्तमान उप कृषि निदेशक ने इस बाबू के समस्त पटलों का प्रभार हटा दिया। जिससे विभागीय कर्मी कयास लगा रहे है कि अपने आका को बचाने के लिए इसी पटल सहायक द्वारा अभिलेख गायब कर दिये हो। 

अभिलेख गायब कराकर संयुक्त कृषि निदेशक के पद पर प्रमोशन की जुगाड़ में हंसराज
जांनकार बतातें है कि भ्रष्ट उप कृषि निदेशक हंसराज ने अपने 6-7 वर्षो से कार्यकाल में ललितपुर से करोड़ो रूपये भ्रष्टाचार के दम पर कमायें है। इसी बल पर जहां ईओडब्ल्यू से भ्रष्टाचार के मामलों में एफआर लगवाने में सफल हुआ। वहीं अब रिकॉर्ड गायब कर संयुक्त कृषि निदेशक के पद पर प्रमोशन के लिए जुगाड़ लगा रहा है। इसी लिए ललितपुर कार्यालय से जानबूझकर अभिलेख गायब हुए है। कार्यवाही से संबंधित  कोई अभिलेख मिलेेंगे नही और जांच अधिकारी से क्लीन चिट लेकर संयुक्त कृषि निदेशक के पद पर प्रमोशन पा लिया जाएगा। क्योंकि अगर अभिलेख मिल जाते है तो तत्कालीन उप कृषि निदेशक हंसराज पर विभागीय अनुशासनिक कार्यवाही होना तय माना जा रहा है।
फोटो पी1

तत्कालीन उप कृषि निदेशक हंसराज

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