उपविधि लागू होने के बाद जिला पंचायत को मिला अधिकार
आयुक्त के अनुमोदन के उपरांत शासकीय गजट मे हुआ प्रकाशन
ललितपुर-ग्रामीण क्षेत्रों में अब अवैध प्लाटिंग व निर्माण पर कानूनीतौर पर शिकंजा कसा जाएगा। आयुक्त के अनुमोदन के उपरांत जिला पंचायत ललितपुर को विनियमित क्षेत्र की परिधि से बाहर भवन निर्माण के मानचित्र एवं प्लाटिंग के ले-आउट स्वीकृत करने का अधिकार मिल गया है। उपविधि का सरकारी बजट में प्रकाशन कर दिया गया है। जिसके बाद उपविधि सम्पर्ण जनपद में लागू हो जाएगी और भवन निर्माण को नियंत्रित करने का अधिकार भी जिला पंचायत के पास आ जाएगा।
अब तक शहरी क्षेत्र में भवन निर्माण के मानचित्र एवं भूमि पर ले-आउट स्वीकृत करने का अधिकार विनियमित क्षेत्र ललितपुर के पास था। परन्तु विनियमित क्षेत्र का दायरा शहर ललितपुर व उसके आस-पास के 20 ग्रामों तक ही सीमित था। इसके बाहर ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाले सभी प्रकार के भवनों के मानचित्र एवं निर्माण को नियंत्रित करने के लिए कोई कानून नही था। जिस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में अगर कोई व्यक्ति मानचित्र स्वीकृत कराकर निर्माण कराना चाहता भी था तो भी उसके पास कोई विकल्प नही रहता था। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण के मानचित्र एवं ले-आउट स्वीकृत कराने के लिए शासन ने जिला पंचायत को अधिकृत किया था। लेकिन यह प्रावधान भी किया गया था कि जिस जनपद मेें इस प्रकार के नियम कानून की आवश्यकता होगी, वहां जिला पंचायत निर्माण की मानक उपविधि तैयार कर संबंधित मण्डल के आयुक्त के पास कार्ययोजना प्रस्तुत करेगा। आयुक्त के अनुमोदन के पश्चात उपविधि का प्रकाशन सरकारी गजट में किया जाएगा। इसके पश्चात जिला पंचायत को ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण के मानचित्र स्वीकृत करने का अधिकार मिल जाएगा।
जनपद ललितपुर में उपविधि को लागू कराने के लिए जिला पंचायत लम्बे समय से प्रयास कर रही थी। परन्तु उपविधि लागू कराने में कुछ तकनीकि समस्याएं सामने आ रही थी। जिस कारण यह प्रभावी नही हो पा रही थी। परन्तु जब से झांसी मण्डल में आयुक्त के रूप में आर्दश सिंह ने कार्यभार ग्रहण किया था। तबसे वह लगातार वह जिला पंचायत क्षेत्र ललितपुर में उपविधि को लागू कराने के लिए प्रयास में थे। विगत माह इसका अनुमोदन उन्होंने दे दिया था। अनुमोदन के उपरांत उपविधि को लागू करने के लिए सूचना सरकारी गजट में भी प्रकाशित होनी थी। 9 सितम्बर 2023 को यह सूचना सरकारी गजट में प्रकाशित हो गयी है अब विनियमित क्षेत्र की परिधि के बाहर का समस्त क्षेत्र में जिला पंचायत ललितपुर अवैध निर्माण पर अंकुश लगाएगी और अवैध प्लाटिंग पर भी कार्यवाही हो सकेगी।
जिला पंचायत से नक्शा पास कराने के लिए ऑफलाइन मोड़ में आवेदन करना होगा। मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए 50 रूपये वर्ग मीटर की दर से आवासीय भवनों के लिए व 100 रूपये प्रति वर्ग मीटर व्यवसायिक भवनों के लिए शुल्क निर्धारण किया गया है। समस्त आवेदन अपर मुख्य अधिकारी के पास जाएंगे। आवेदन पत्रों की जांच व परीक्षण कार्य अधिकारी द्वारा की जाएगी। कार्य अधिकारी से अनुमोदन प्राप्त होने के पश्चात एक सप्ताह में पत्रावली तकनीकि जांच के लिए अभियंता के पास जाएगी। जिसमें अवर अभियंता मौके का सर्वेक्षण कर रिर्पोट प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद मानचित्र स्वीकृत की कार्यवाही की जाएगी।
बैंक से ऋण लेने मे भी होगी सुविधा
ग्रामीण क्षेत्रों मे मानचित्र पास न होने के चलते बैंको से ऋण भी नही मिल पाता था। लेकिन मानचित्र पास होने के बाद ऋण मिल सकेगा। 3230 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल में निर्माण करा रहे है। वह भी आवेदन देकर अनुमति प्राप्त कर सकते है और बैंक से ऋण की सुविधा ले सकेंगे।
प्लाटिंग के लिए पास कराना होगा ले-आउट
जिला पंचायत में उपविधि लागू होने के बाद जो सबसे महत्वपूर्ण काम होगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जो बड़े पैमाने पर ले-आउट स्वीकृत कराये बिना अवैध प्लाटिंग चल रही है उस पर भी बुलडोजर की कार्यवाही हो सकेगी। क्योंकि अभी तक शहरी क्षेत्र व उसके आस-पास के गांव में ही विनियमित क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्र में ही अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही हो सकती थी। ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार की कार्यवाही के लिए अब तक कोई संस्था के पास अधिकार नही था। लेकिन अब जिला पंचायत विधिक रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में ले-आउट पास कराने के लिए अधिकृत हो गयी है। जिसके बाद अब भवन निर्माण पर नियंत्रण के साथ-साथ अवैध प्लाटिंग पर नियंत्रण रखा जा सकेगा।