आयुक्त ग्राम्य विकास के निर्देश पर जांच के लिए लखनऊ से आये अधिकारी
हालही में प्रभारी बीडीओ ने रॉयल ट्रेडर्स को मनरेगा में किया था लाखों रूपये का भुगतान
ललितपुर-विकासखण्ड़ तालबेहट में झांसी के ठेकेदार की फर्म रॉयल ट्रेडर्स को लाखों रूपये के भुगतान के मामले को आयुक्त ग्राम्य विकास कार्यालय ने संज्ञान लिया है। इस प्रकरण की जांच के लिए लखनऊ से ग्राम्य विकास विभाग के उपायुक्त तालबेहट आये और उन्होंने ब्लॉक पर अभिलेखों की जांच की इसके बाद ग्राम पंचायत सेरवासकलां में पहुंचकर निर्माण कार्यो को भी देखा। रॉयल टेªडर्स के कार्यो की जांच होने से विकासखण्ड़ में हड़कम्प का माहौल रहा। वहीं राजस्व की चोरी करने वाले तालबेहट के ठेकेदार भी परेशान रहे।
हालही में विकासखण्ड़ तालबेहट में मनरेगा योजना में सामग्री आपूर्ति करने वाली फर्मो को लाखों रूपये का भुगतान किया गया था। जिसमें झांसी के ठेकेदार की फर्म रॉयल टेªडर्स के नाम पर भी कई ग्राम पंचायतों में भुगतान किया गया था। यह भुगतान प्रभारी खण्ड़ विकास अधिकारी/ जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी राजेश बघेल द्वारा किया गया था। उक्त प्रकरण की शिकायत शासन स्तर पर की गयी थी। जिसके बाद शासन ने आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग लखनऊ को उक्त प्रकरण की जांच कराने के लिए दिये थे। आयुक्त ग्राम विकास विभाग के आदेश के बाद रॉयल टेªडर्स के अभिलेखों की जांच करने के लिए शनिवार को लखनऊ से उपायुक्त हरीश चन्द्र तालबेहट विकासखण्ड़ मुख्यालय पर आये उन्होंने अभिलेखों की जांच की। इसके बाद ग्राम पंचायत सेरबांस कलां में पहुंचकर निर्माण कार्यो का निरीक्षण किया। इस दौरान बीडीओ तालबेहट दीपक यादव, सहायक कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा विकास शुक्ला आदि उपस्थित रहे।
यह था रॉयल ट्रेडर्स को भुगतान करने मामला
विकासखण्ड़ तालबेहट की कई ग्राम पंचायतों ने रॉयल टेªडर्स के फर्जी बिल लगाये है। ग्राम पंचायत सेरवासकलां में अमर शहीद मनोज कुमार पाण्डेय अमृत सरोवर व खेल मैदान का निर्माण कार्य, ग्राम पंचायत बिगारी में पेवर ब्रिक्स रोड़ निर्माण मैनरोड़ से सचिवालय तक, ग्राम पंचायत बुदावनी में पेवर ब्रिक्स रोड़ निर्माण, सहरिया बस्ती से छीपा के घर तक, पेवर ब्रिक्स रोड़ निर्माण जय कुमार के घर से नंदराम के धर तक, ग्राम पंचायत राजपुरा में पेवर ब्रिक्स का कार्य राम प्रसाद के मकान से कारस देव के मंदिर तक, पेवर ब्रिक्स रोड़ निर्माण प्रभु के मकान से दुर्गा मंदिर तक, पेवर ब्रिक्स रोड़ निर्माण नहर की पुलिया से इंद्रपाल के घर तक, ग्राम पंचायत रजावन में डब्ल्यूबीएम रोड़ मुक्तिधाम से पुलिया तक, पेवर ब्रिक्स रोड़ निर्माण मैन रोड़ से शिवनारायण के घर तक, पेवर ब्रिक्स रोड़ निर्माण सचिवालय से हनुमान मंदिर तक पेवर ब्रिक्स रोड़ निर्माण सीसी रोड़ से देवसिंह पाल के घर तक आदि कार्यो में रॉयल टेªडर्स के बिल लगाकर भुगतान निकाला गया है। इसके अलावा कई अन्य ग्राम पंचायतों में भी लाखों रूपये का भुगतान हुआ है।
जो निर्माण सामग्री आपूर्ति करने का दावा यह फर्म करती है। उसके द्वारा किसी प्रकार की निर्माण सामग्री की आपूर्ति नही की जाती है। केवाल ग्राम पंचायतों में फर्जी बिल लगाकर भुगतान लिया जाता है।
जीएसटी पंजीकरण पर ही काम कर रही है फर्मे, हो रहा है करोड़ो का भुगतान
जनपद झांसी के जो ठेकेदार रॉयल टेªडर्स के नाम से फर्म संचालित कर ग्राम पंचायतों में सामग्री आपूर्ति कर रहे है और फर्जी भुगतान निकाला जा रहा है। अगर इस फर्म की वास्तविक जांच हो जाए तो यह केवल जीएसटी में ही पंजीकृत होगी, न तो इस फर्म का हैसियत प्रमाण पत्र होगा और न ही ठेकेदार चरित्र प्रमाण पत्र होगी। केवल जीएसटी पंजीकरण कराकर ग्राम पंचायतों में यह फर्म अपने बिल लगाती है और भुगतान लेती है। जबकि किसी भी ग्राम पंचायत में इस फर्म द्वारा निर्माण सामग्री की आपूर्ति नही की गयी होगी। प्रधान कहीं से नम्बर दो में निर्माण सामग्री लेते है और किसी फर्म के बिल भुगतान के लिए लगाये जाते है। विकासखण्ड़ में मनरेगा में जो फर्म या ठेकेदार काम कर रहे होंगे। उसमें से अधिकांश केवल जीएसटी पंजीकरण में ही काम कर रहे है। चूंकि मनरेगा में भुगतान के एवज में अधिकारियों को मोटा कमीशन दिया जाता है इसलिए वह फर्मो के अभिलेख की जांच नही करते सीधा भुगतान कर देते है। तालबेहट में तो हालत यह है कि विगत 6 महीने से प्रभारी खण्ड़ विकास अधिकारी के जिम्मे ब्लॉक की जिम्मेदारी है। अभी अन्य विभाग के अधिकारी के पास बीडीओ का प्रभार है।
फर्मो द्वारा रॉयल्टी के नाम पर विभाग को लगाया जा रहा है लाखों रूपये को चूना
विकासखण्ड़ तालबेहट की ग्राम पंचायतों में निर्माण सामग्री की आपूर्ति करने वाले फर्म ने सबसे अधिक घोटाला खनिज रॉयल्टी मे ंकिया होगा। इनके द्वारा सबसे अधिक घोटाला रॉयल्टी एमएम 11 प्रपत्र की चोरी में किया गया होगा। फर्जी रॉयल्टी लगाकर भुगतान निकाल लिया और उनका सत्यापन भी नही कराया गया। चूंकि भुगतान के पूर्व एमएम11 प्रपत्र के सत्यापन की जिम्मेदारी मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी/खण्ड़ विकास अधिकारी की होती है। परन्तु एमएम 11 व जीएसटी का सत्यापन न कराने के एवज में खण्ड़ विकास अधिकारी को एक मोटी कमीशन मिलती है इसलिए वह न तो एमएम 11 का सत्यापन कराते है और न ही यह देखते है कि फर्मो द्वारा विभाग को जीएसटी दिया जा रहा है या नही।
जांच के लिए जब अधिकारी तालबेहट पहुंचे तब दी गयी शिकायतकर्ता को जानकारी
रॉयल टेªडर्स के कार्यो की जांच करने के लिए लखनऊ से उपायुक्त स्तर के अधिकारी विकासखण्ड तालबेहट आ रहे है इसकी जानकारी पूर्व से ही खण्ड़ विकास अधिकारी दीपक यादव सहित अन्य कर्मचारियों को थी। परन्तु उन्होंने इसकी सूचना शिकायतकर्ता को नही दी। शनिवार को जब उपायुक्त ग्राम्य विकास विभाग हरीशचन्द्र विकासखण्ड़ तालबेहट पहुंचे तो उनके कहने पर शिकायतकर्ता को इसकी जानकारी दी गयी और कहा गया कि जांच के लिए तत्काल तालबेहट मुख्यालय मे उपस्थित हो। इससे सिद्ध होता है कि विकासखण्ड़ तालबेहट के अधिकारी व कर्मचारी रॉयल टेªडर्स के कारनामों पर पर्दा डालने के प्रयास में थे। इसलिए समय पर शिकायतकर्ता को इसकी जानकारी नही दी गयी।