अधिकारियों के खास दो चर्चित तकनीकी सहायकों को मिली दर्जनों ग्राम पंचायतें
ललितपुर-अगस्त माह में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में ग्राम पंचायतों में रिक्त चल रहे पदों पर 22 तकनीकी सहायकों की आउटसोर्सिंग के माध्यम से भर्ती की गयी थी। भर्ती के बाद सभी नवनियुक्त तकनीकी सहायकों को विकासखण्ड़ का आवंटन कर दिया गया। इसके बाद ग्राम पंचायत का आवंटन खण्ड़ विकास अधिकारी को करना था। जब नवनियुक्त टीए विकासखण्ड़ पर पहुंचे तो पूर्व में लम्बे अर्से से जमे तकनीकी सहायकों में खलबली मच गयी। उन्होनें अपनी ग्राम पंचायतें यथावत रखने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगाने शुरू कर दिये। यह तकनीकी सहायक हर विकासखण्ड़ में अपनी ग्राम पंचायतें बचाने मे सफल भी रहे।
जैसे विकासखण्ड़ बार के दो चर्चित तकनीकी सहायक अमित त्रिपाठी व सच्चिानांद उदैनिया 12-11 ग्राम पंचायतें लेने में सफल भी रहे। उन्होंने अधिकारियों से मिलकर बड़ी-बड़ी ग्राम पंचायतें आवंटित करा ली और अधिकारियों ने भी कलस्टर प्रक्रिया को ताक पर रखकर ग्राम पंचायतों का आवंटन कर दिया। तकनीकी सहायक अमित त्रिपाठी को बार, धमना, तुर्का, भैलोनीलोध, बम्हौरीसहना, पुलवारा, दशरारा, लड़वारी, भैलोनीसूबा, देवरान, डुलावन व मथुराडांग ग्राम पंचायतें आवंटित की गयी है। जबकि सच्चिानांद उदैनिया को सुनवाहा, अजनौरा, डगराना, कुंआगांव, बिल्ला, गुगरवारा, गंगचारी, दैलवारा, उमरी, बानौनी व सिमरिया ग्राम पंचायतों को आवंटित किया गया है। यह सभी ग्राम पंचायतें ऐसी है जिनमें मनरेगा में बड़े पैमाने पर कार्य कराया जाता है।
इसी प्रकार विकासखण्ड़ बार में तकनीकी सहायक आयुष चर्तुवेदी को बडोखरा, सूरीकलां, सूरीखुर्द, बिलाटा ग्राम पंचायतें आवंटित की गयी। तकनीकी सहायक पवन कुमार को कैलगुंवा, जरावली, चंदावली, मर्रोली, भावनी व टीला ग्राम पंचायतें आवंटित की गयी है। तकनीकी सहायक आत्माराम गोस्वामी को पारौन, सेमराडांग, बस्तगुंवा, बरौदाडांग, गडिया, बम्हौरीखड़ेत व गैंदोरा गा्रम पंचायतें आवंटित की गयी है। तकनीकी सहायक बालमुकुंद सोनी को टोडी, बस्त्रवान, खजरा, बछरावनी, तकनीकी सहायक हेमंत महोबिया को हनुपुरा, गदयाना, कारीटोरन, करमई, तकनीकी सहायक ललित साहू को दरौनी, सेमराभागनगर, मिर्चवारा, टोरिया, बुरागांव, पाह, बानपुर, दिदौरा ग्राम पंचायतें, तकनीकी सहायक विजय साहू को ककडारी, उदयपुरा, म्यांव, पुराधनकुंआ, मोगान, चकौरा गाम पंचायतें आवंटित हुई है। इस प्रकार किसी तकनीकी सहायक को एक ही न्याय पंचायत की ग्राम पंचायतें आवंटित नही की गयी। क्योंकि जो बाहुबलि तकनीकी सहायक है उन्हें मनमाफिक ग्राम पचायतें आवंटित नही हो पाती।
ललितपुर। मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार इस कदर हो रहा है कि जो संविदा कर्मचारी इस योजना में बड़े खिलाड़ी है वह अधिकारियों से सांठ-गांठ कर किसी भी प्रकार से अपना काम साद लेते है। हाल ही में विकासखण्ड़ स्तर पर तकनीकी सहायकों को नये सिरे से ग्राम पंचायतों का आवंटन हुआ है। जिसमें प्रत्येक विकासखण्ड़ में बहुचर्चित तकनीकी सहायकों ने बीडीओ से सांठ-गांठ कर अपने मनमाफिक अधिक से अधिक बड़ी-बड़ी ग्राम पंचायतें हथिया ली है। ग्राम पंचायतों के आवंटन में इस कदर मनमानी चली है कि कई तकनीकी सहायकों ने दर्जनों ग्राम पंचायतें ले ली व कई तकनीकी सहायकों को 4-4 ग्राम पंचायतें लेकर ही संतुष्ट होना पड़ा। जैसे विकासखण्ड़ बार में तकनीकी सहायक अमित त्रिपाठी व सच्चिानंद उदैनिया ने 12-12 ग्राम पंचायतें ले ली। वहीं कुछ तकनीकी सहायक को कम ग्राम पंचायतों में संतुष्ट होना पड़ा।
विकासखण्ड़ जखौरा ने कलस्टर प्रक्रिया से किया ग्राम पंचायतों का आवंटन
तकनीकी सहायकों को ग्राम पंचायतों के आवंटन में विकासखण्ड़ तालबेहट, बिरधा, महरौनी व मड़ावरा में खण्ड़विकास अधिकारियों ने अपने खास तकनीकी सहायकों को अधिक से अधिक ग्राम पंचायतें दिलाने का पूरा प्रयास किया। परन्तु विकासखण्ड़ जखौरा में प्रभारी खण्ड़ विकास अधिकारी ने नियमानुसार कलस्टर प्रक्रिया का पालन करते हुए ग्राम पंचायतों का आवंटन किया है। एक तकनीकी सहायक को एक न्याय पंचायत की समस्त ग्राम पंचायतें आवंटित की गयी है। जैसे तकनीकी सहायक जागृति गुप्ता को न्याय पंचायत बांसी, संतोष साहू को न्याय पंचायत मड़वारी, अमन विश्वकर्मा को न्याय पंचायत जखौरा, आशीष को न्याय पंचायत सिरसी, दीपक श्रीवास्तव को न्याय पंचायत दैलवारा, शिवनारायण तिवारी को न्याय पंचायत बुढ़वार, हरिओम को न्याय पंचायत ननौरा, अरविन्द कुमार रजक को न्याय पंचायत लागौन, सुरेन्द्र सिंह राठौर को न्याय पंचायत लखनपुरा, अशोक लक्ष्यकार को न्याय पंचायत थनवारा, सागर कुशवाहा को न्याय पंचायत मसोराखुर्द व आकाश कुमार को न्याय पंचायत रोड़ा की समस्त ग्राम पंचायत का आवंटन किया गया है।
नये तकनीकी सहायको पर डोरे डाल रहे है पुराने कर्मी
नये तकनीकी सहायक आने के बाद अब विकासखण्ड़ में वर्षो से जमे अधिकारियों के खास तकनीकी सहायकों ने कमाने का नई तकनीक इजाद कर ली है। वह नये तकनीकी सहायकों को कह रहे है कि कोई चिंता की बात नही है वह उनका स्टीमेट तैयार करने से लेकर एमबी तक करने का काम करेंगे। इस प्रकार जिस तकनीकी सहायक के पास पूर्व से कई ग्राम पंचायतें है और नये तकनीकी सहायकों की ग्राम पंचायतों का कार्य अप्रत्यक्ष रूप से देखने के बाद उसके पास ग्राम पंचायतों की संख्या कई गुना पहुंच गयी है। जानकारी मिली है कि बिरधा के दो तकनीकी सहायक जिनके पास कई दर्जन ग्राम पंचायतें है उन्होंने नये तकनीकी सहायकों को अधिकारियों के बल पर मैनेज कर लिया है। अब वह लगभग 40 ग्राम पंचायतों का काम देखेंगे। यही हाल तालबेहट महरौनी में भी है।