फर्जी जियो टैगिंग कर आवासों की रकम डकार गये पंचायत सचिव व प्रधान
58 आवास हुये थे स्वीकृत
ललितपुर-ग्राम पंचायत महोली में प्रधान व पंचायत सचिव आनंद सोनी ने जिस प्रकार से 2 वर्षों में हर योजना में लूट मचाई है।भ्रष्टाचार का आलम यह रहा है गरीबों के आवास के रूपये निकालकर प्रधान व सचिव डकार गये।आवास अब भी अधूरे पड़े है। परन्तु सचिव ने जियो टैगिंग में आवासों को पूर्ण दिखाकर लगातार बचने का प्रयास कर रहा है।इस प्रकरण की जांच की बार हो चुकी है। परन्तु हर बार उच्चाधिकारी आवासों को पूर्ण दिखाकर पंचायत सचिव को बचाने का प्रयास कर रहें हैं।
विकासखंड बिरधा की ग्राम पंचायत महोली भ्रष्टाचार का गढ बनीं हुई है। यहां तैनात रहें घोटालेबाज पंचायत सचिव आनंद सोनी ग्राम निधि,मनरेगा से लेकर आवास योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है।मनरेगा के बाद अब मुख्यमंत्री आवास योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है।प्रधान व पंचायत सचिव आनंद सोनी ने गरीबों के आवास की किश्त निकालकर डकार और आवास नहीं बनवाये हैं।आवास अभी भी अपूर्ण है।
जानकारी के अनुसार 2020-21 व 2021-22 में 57 आवास मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत किये गये थे। प्रत्येक आवास की लागत 1.20 लाख रूपये लाभार्थियों को दिये जाते है। वहीं 90 दिवस की मजदूरी मनरेगा से दी जाती है।इस प्रकार 1.38 लाख रूपये में आवास का निर्माण करना होता है।यह धनराशि लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजी जाती है।यह आवास सहरिया लाभार्थियों को स्वीकृत हुये थे।परन्तु महोली के प्रधान व पंचायत सचिव आनंद सोनी ने लाभार्थियों के बैंक खाते से धनराशि निकलवा ली। लेकिन आवास का निर्माण नही कराया हैं।वर्तमान समय में भी 40 आवास अपूर्ण है। परन्तु आनंद सोनी द्धारा जियो टैगिंग में 53 आवास पूर्ण दिखा दिये।जबकि मौके की स्थिति इसके विपरीत है।
जब इस प्रकरण की शिकायत हुई।तो अधिकारियों ने कार्यवाही के स्थान पर पंचायत सचिव का बचाव शुरु कर दिया।फर्जी आख्या लगाकर शिकायतों का निस्तारण कर दिया।उन्होंने 2 आवासों को छोड़कर सभी आवास पूर्ण बतायें हैं। इससे स्पष्ट है कि अधिकारी भी घोटालेबाज पंचायत सचिव का बचाव कर रहें हैं।
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घोटालेबाज पंचायत सचिव के बचाव में उतरे अधिकारी।
मुख्यमंत्री आवास योजना में पंचायत सचिव आनंद सोनी द्धारा भ्रष्टाचार करने की शिकायत की गई।तो इस प्रकरण में खण्ड विकास अधिकारी ने पत्रांक संख्या 81/वी-2/लेखा/2023-24,दिनांक-20-04–2023 को जो परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण को दी।उसकी भाषा स्पष्ट हो जाता है कि वह पंचायत सचिव का बचाव कर रहें हैं।उनका कहना है कि रोजगार सेवक ने फर्जी जियो टैगिंग की व मनरेगा में भ्रष्टाचार किया है। इसलिए उसकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है।जबकि रोजगार सेवक की सेवाएं समाप्त वर्ष 2020 में की गई थी।उस समय मुख्यमंत्री आवास योजना के आवास का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ था। उन्होंने सभी आवास पूर्ण बतायें।सिर्फ 2 को छोड़कर।यह आख्या परियोजना निदेशक ने आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग को भेज दी हैं।जबकि अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास विभाग ने वर्ष 2022 में स्पष्ट आदेश दिया है कि जियो टैगिंग का सम्पूर्ण उत्तरदायित्व ग्राम पंचायत अधिकारी/ग्राम विकास अधिकारी का है। ग्राम रोजगार सेवक के जॉब कार्ड में यह कार्य मात्र शामिल किया गया है। इसके बाद भी खण्ड विकास अधिकारी अपनी आख्या घोटालेबाज पंचायत सचिव आनंद सोनी का बचाव कर रहें हैं।
मनरेगा घोटाले में भी दोषी है प्रधान व सचिव आनंद सोनी
ग्राम पंचायत महोली में मनरेगा में बड़ा घोटाला प्रधान व सचिव आनंद सोनी कर चुके हैं। बम्हौरीवंशा के 2 निर्माण स्थलों को ग्राम पंचायत महोली में स्वीकृत करा लिया गया था।उक्त परियोजनाओं पर लगभग 20 लाख रुपये का भुगतान भी किया गया था। शिकायत के बाद इस प्रकरण की जांच खण्ड विकास अधिकारी बिरधा ने की थी।जिसमें राजस्व विभाग की रिपोर्ट के बाद यह सिद्ध हो गया है कि यह कार्य बम्हौरीवंशा में कराये गये हैं। बीडीओ ने इसके लिए प्रधान व पंचायत सचिव आनंद सोनी को दोषी माना है। कार्यवाही के लिए फाइल उच्चाधिकारियों के पास भेजी गई है।अब कार्यवाही का इंतजार है।