Wednesday, January 15, 2025

हाईकोर्ट के आदेश के बाद अधिशाषी अभियंता सीपी सिंह ने फिर से किया कार्यभार ग्रहण

- Advertisement -

सिंचाई निर्माण खंड-द्धितीय में है तैनाती।

राहुल शुक्ला

ललितपुर। जनपद के सिंचाई निर्माण खण्ड़ द्वितीय में तैनाती के दौरान निलंबित किये गये अधिशाषी अभियंता इं. सीपी सिंह ने उच्च न्यायालय के आदेश के बाद शुक्रवार को फिर से कार्यभार ले लिया। अधिशाषी अभियंता को 4 अगस्त को सहायक अभियंता व अवर अभियंताओं द्वारा की गयी शिकायत के बाद शासन ने निलंबित कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में याजिका दाखिल की थी। 

उल्लेखनीय है कि सिंचाई निर्माण खण्ड़ द्वितीय का कार्यभार देख रहे अधिशाषी अभियंता इं. सीपी सिंह को 4 अगस्त को शासन ने निलंबित कर दिया था। अधिशाषी अभियंता पर विभाग में तैनात 4 सहायक अभियंता नबाव सिंह, दिलशाद हुसैन, पंकज सिंघल, अविनाश गंधी व 6 अवर अभियंता राजेश कुमार गुप्ता, रमाशंकर मोर्या, दीपक यादव, पुष्पेन्द्र सिंह परमार व मुराद खान ने आरोप लगाया था कि वह उनके साथ अभद्रता व गाली-गलौच करते है। यह शिकायत मुख्य अभियंता परियोजना बेतवा के पास की गयी थी। जिसके बाद मुख्य अभियंता द्वारा बिना जांर्च कराये और कोई आरोप पत्र दिये बिना कार्यवाही के लिए शासन से पत्राचार किया गया था। शासन ने मुख्य अभियंता के पत्र को संज्ञान में लेने के बाद अधिशाषी अभियंता को निलंबित कर दिया था। जिससे क्षुब्ध होकर अधिशाषी अभियंता ने उच्च न्यायालय में याजिका संख्या 13224/2023 दाखिल की थी। जिसमें उच्च न्यायालय में सभी तथ्यों को सुनने के बाद शासन के 4 अगस्त के आदेश पर रोक लगा दी। जिसके बाद शुक्रवार को अधिशाषी अभियंता सीपी सिंह ने सिंचाई निर्माण खण्ड़ द्वितीय में पहुंचकर कार्यभार ग्रहण कर लिया। इस दौरान सबसे रोचक यह रहा कि जो अधिशाषी अभियंता भूपेश कुमार सुहेरा अभी द्वितीय का अतिरिक्त प्रभार लिये थे उन्होंने अधिशाषी अभियंता का चैंबर नही खोलने दिया। जिस कर्मचारी के पास कार्यालय के चाबी थी उसे अपने कार्यालय में बुला लिया। बाद में कार्यालय की चाबी एक अन्य कर्मचारी के पास थी। जिसके द्वारा कार्यालय खुलवाया गया। 

 10 अभियंताओं ने विरोध में तो 24 कर्मचारियों ने अधिशाषी अभियंता के पक्ष में दिया था पत्र 

अधिषाशी अभियंता इं सी०पी० सिंह ने ग्रहण किया कार्यभार

कहने को तो अधिशाषी अभियंता सीपी सिंह को 10 सहायक अभियंताओं व 6 अवर अभियंताओं से अभद्रता व दायित्व निर्वाहन मेें लापरवाही व अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित किया गया था। परन्तु अन्दर खाने का मामला कुछ ओर था। कई वर्षो से अधूरी पड़ी भौंरट परियोजना की लागत निरंतर बढ़ती जा रही है। सीपी सिंह ने जैसे ही सिंचाई निर्माण खण्ड़ द्वितीय के अधिशाषी अभियंता का पदभार ग्रहण किया, वैसे ही उन्होंने इस परियेाजना को शीघ्र पूर्ण कराने का संकल्प लिया था। इसके लिए वह रात-दिन एक कर के काम कर रहे थे और परियोजना की लागत वृद्वि की फाईल स्वीकृत व्यय वित्त समिति व सीडब्ल्यूसी से कराने के लिए निरंतर प्रयास में थे। इसके लिए वह सहायक अभियंताओं व अवर अभियंताओं से लगातार काम करा रहे थे। जो अभियंताओं को रास नही आ रहा था। विभाग में लंबे समय से जमे सहायक अभियंता नबाव सिंह के नेतृत्व में अभियंताओं ने अधिशाषी अभियंता के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। जिसमें इनका साथ ललितपुर में तैनात एक अधिशाषी अभियंता ने दिया और मुख्य अभियंता से बिना कोई जांच कराये इनके निलंबन की संस्तुति करा दी। मुख्य अभियंता ने कार्यवाही के लिए जो पत्र लिखा था उसमें स्पष्ट लिखा गया था कि द्वितीय का प्रभार जनपद में तैनात अधिशाषी अभियंता भागीरथ को दे दिया जाए। वहीं मुख्य अभियंता दक्षिण को सिंचाई निर्माण खण्ड़ द्वितीय के 24 कर्मचारियों ने एक पत्र भेजकर सीपी सिंह की कार्यशैली को सही ठहराया था और इनके कार्यो की प्रशंसा की थी। जिसमें एक सहायक अभियंता भी शामिल था। परन्तु शासन ने मुख्य अभियंता बेतवा परियोजना के पत्र कों संज्ञान लेने के बाद सीपी सिंह पर कार्यवाही कर दी थी। 

बिना आरोप पत्र व जांच के निलंबन पर हाईकोर्ट ने उठाये सवाल

जब मामला उच्च न्यायालय में पहुंचा तो न्यायालय ने शासन से सीपी सिंह को निलंबित करने के पूर्व की गयी जांच की आख्या छायाप्रति व उन्हें दिये गये आरोप पत्र की प्रति मांगी। परन्तु न तो कोई जांच की गयी थी और न ही कोई आरोप पत्र दिया गया था। इसके बाद जो शिकायतें अभियंताओं द्वारा की गयी थी उनके द्वारा भी शपथ पत्र प्रस्तुत किये गये परन्तु न्यायालय ने उनकी शिकायतों को संज्ञान नही लिया और सीपी सिंह को बहाल करने का आदेश जारी कर दिया। वहीं शासन को निर्देश दिये है कि वह इनके प्रकरण की शीघ्र जांच कराये। न्यायालय में इस प्रकरण की अगली सुनवाई अब 17 अक्टूबर को होगी।

बाक्स

विद्रोही अभियंताओं के दल का नेतृत्व करने वाले सहायक अभियंता को मिला पारितोषक

अधिशाषी अभियंता सीपी सिंह के खिलाफ जिन 4 सहायक अभियंताओं व 6 अवर अभियंताओं ने मोर्चा खोला था। उसका नेतृत्व सहायक अभियंता नबाव सिंह कर रहे थे। अभियंताओं की शिकायत के बाद अधिकारी पर कार्यवाही भी हो गयी थी और दूसरे अधिकारी को द्वितीय का प्रभार भी मिल गया था। जिसके बाद उच्च अधिकारियों ने प्रसन्न होकर सहायक अभियंता नबाव सिंह को बेतवा रिवर बोर्ड के अधीन राजघाट बांध में सहायक अभियंता का प्रभार दे दिया। वहीं एक शिकायतकर्ता अवर अभियंता पुष्पेन्द्र सिंह परमार को भी राजघाट बांध परियोजना पर सम्बद्ध कर दिया है। बतातें चलें कि बेतवा रिवर बोर्ड के द्वारा अधिशाषी अभियंता के प्रभार पूर्व में ही इं. भागीरथ बरूआ को दिया जा चुका है जो सिंचाई निर्माण खण्ड़ प्रथम में तैनात है। 

आप की राय

क्या INDIA गठबंधन 2024 चुनाव में पीएम मोदी और एनडीए को टक्कर दे पाएगा?

View Results

Loading ... Loading ...
Latest news
Related news