Wednesday, January 15, 2025

पाँच दिवसीय प्रक्षेत्र दिवस हुआ शुभारम्भ 

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केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के निर्देशन में चलाया जा रहा है कार्यक्रम

झाँसी- रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के निर्देशन एवं निदेशक प्रसार शिक्षा के मार्गदर्शन में बुंदेलखण्ड क्षेत्र में खरीफ मक्का पर वैज्ञानिकों की टीम ने पाँच दिवसीय प्रक्षेत्र का शुभारम्भ जिला ललितपुर से किया। जिसमें प्रथम दिन ललितपुर जिला के ग्राम इमिलिया में किसानों के खेत पर जाकर भ्रमण किया तथा किसानों को वैज्ञानिक विधि से मक्का की खेती करने की सलाह दी। डाॅ.सुशील कुमार ने बताया कि बुन्देलखंड में प्रजाति के आधार पर फ़सल के कटाई की अवधि होती है, जैसे चारे वाली फ़सल को बोने के 60-65 दिन बाद, दाने वाली देशी क़िस्म बोने के 75-85 दिन बाद, व संकर एवं संकुल किस्म बोने के 90-115 दिन बाद काटना होता है। डाॅ. अनिल कुमार राय ने बताया कि कटाई के बाद मक्का फ़सल में सबसे महत्वपूर्ण कार्य गहाई है इसमें दाने निकालने के लिये सेलर का उपयोग किया जाता है। सेलर नहीं होने की अवस्था में साधारण थ्रेशर में सुधार कर मक्का की गहाई की जा सकती है इसमें मक्के के भुट्टे के छिलके निकालने की आवश्यकता नहीं है। डाॅ. विजय कुमार मिश्रा ने बताया कि दानों को बीज के रूप में भंडारण करने के लिए इन्हें इतना सुखा लेना चाहिए कि नमीं करीब 12 प्रतिशत रहे। यदि आप उन्हें सही ढंग से संग्रहीत कर एफते हैं तो अनाज लंबे समय तक एक धातु की कोठी में कीटों और बीमारियों से मुक्त रहेगा। इस अवसर पर ग्राम प्रधान सहित 50 किसान उपस्थित रहे।इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मक्का खेती को बढ़ावा देना है।।विश्वविद्यालय द्धारा किसानों को नि:शुल्क बीज व अन्य निवेश दिये जाते हैं।यह भ्रमण कार्यक्रम फिर खाई खेड़ा , मड़ावरा, टीकमगढ़ और ओरछा जायेगा।

प्रक्षेत्र दिवस का शुभारंभ

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